गूगल पर 'मरने के तरीके' ढूंढ रहे हैं बच्चे, किसी ने खुद पर पेट्रोल छिड़का तो किसी ने नुकीली चीज को निगला

गैजेट डेस्क. ऑस्ट्रेलिया के नाउरू अप्रवासन केंद्र में 900 शरणार्थी रहते हैं और इनमें से 120 से ज्यादा बच्चे भी हैं। इन बच्चों में एक गंभीर समस्या देखने को मिल रही है और ये बच्चे गूगल पर 'मरने के तरीके' खोज रहे हैं। इंटरनेशनल हेल्थ एंड मेडिकल सर्विसेस (IHMS) से जुड़े सायकाइट्रिस डॉ. वेरनॉन रेनॉल्ड्स ने ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी एबीसी को कुछ डॉक्यूमेंट्स दिए हैं, जिसमें इस बात की जानकारी दी है। रेनॉल्ड्स अगस्त 2016 से अप्रैल 2018 तक करीब दो सालों तक इस अप्रावसन केंद्र में सायक्राइटिस के तौर पर काम कर चुके हैं।      खुद पर छिड़क लिया पेट्रोल : डॉ. रेनॉल्ड्स ने बताया कि 'इसी साल जून में अप्रावसन केंद्र में रह रहे एक 14 साल के बच्चे ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर जान देने की कोशिश की थी। जबकि एक 10 साल के बच्चे ने भी जान देने के लिए किसी नुकिली चीज को निगल लिया था।' - उन्होंने बताया कि इस केंद्र में रह रहे ज्यादातर शरणार्थी बच्चे गूगल पर जान देने के और खुद को नुकसान पहुंचाने के तरीके ढूंढ रहे हैं। उन्होंने चिंता जताई कि ये बच्चे मर भी सकते हैं।     बच्चों ने खेलना और...

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